भारत में इस बार मानसून का रुख उम्मीद से कहीं ज्यादा मजबूत और व्यापक दिखाई दे रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 2025 के मॉनसून सीज़न के लिए 108% बारिश की भविष्यवाणी की थी, जो अब हकीकत बनती नजर आ रही है। 26 जून तक देशभर में औसत 146.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जबकि सामान्य तौर पर इस समय तक 134.3 मिमी बारिश होती है। यानी इस सीजन में अब तक 9.1% अधिक वर्षा हो चुकी है।
देश के मैदानी इलाकों में बारिश ने जहां लोगों को गर्मी से राहत दिलाई है, वहीं पहाड़ी राज्यों में यह बरसात आफत बनकर टूट रही है। उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में लैंडस्लाइड, बादल फटने और फ्लैश फ्लड जैसी घटनाओं से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। कई जगहों पर सड़कें बंद हैं, नदी-नाले उफान पर हैं और कई गांवों का संपर्क मुख्य शहरों से टूट गया है।
दिल्ली-NCR में अब तक सूखा, पर राहत की उम्मीद
देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों जैसे नोएडा, गुरुग्राम और गाज़ियाबाद में अब तक मानसून की बारिश की कमी रही है। बीते दिनों दिल्ली का अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 28.6 डिग्री रहा, जो सामान्य से ज्यादा है।
हालांकि मौसम विभाग ने 2 जुलाई तक बारिश और तूफानी हवाओं की संभावना जताई है। अनुमान है कि आज शाम से मौसम में बदलाव हो सकता है और रात में हल्की बारिश शुरू होगी। 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी और गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है।
देश के अन्य हिस्सों में झमाझम बारिश
इस बार मानसून ने दक्षिण-पश्चिम भारत से लेकर उत्तर-पूर्व तक तेज़ गति से कवरेज किया है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के अधिकांश हिस्से अब मानसून की चपेट में आ चुके हैं। अगले 3-4 दिनों में मानसून देश के बचे हुए इलाकों को भी कवर कर लेगा।
कहाँ-कहाँ है भारी बारिश का अलर्ट:
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कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र और गुजरात में अगले 7 दिन तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
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पंजाब, हरियाणा, पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 2 जुलाई तक गरज-चमक और तेज़ हवाओं के साथ बारिश हो सकती है।
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मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में 40-50 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज़ हवाएं चलने की संभावना है, साथ में भारी बारिश भी होगी।
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अरुणाचल प्रदेश में 30 जून तक बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
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दक्षिणी राज्य जैसे केरल, तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और लक्षद्वीप में भी 40-60 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं और गरज-चमक के साथ बारिश का पूर्वानुमान है।
पहाड़ों में बारिश बनी मुसीबत
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे पहाड़ी राज्यों में भारी बारिश के कारण भूस्खलन, बादल फटने और फ्लैश फ्लड जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। कई जगहों पर यातायात प्रभावित हुआ है, और प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी किया है।
लोगों को सलाह दी गई है कि वे पहाड़ों में अनावश्यक यात्रा से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। एनडीआरएफ और राज्य आपदा प्रबंधन बल सक्रिय रूप से राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे हैं।
निष्कर्ष
मानसून 2025 अब तक सक्रिय और उम्मीद से ज्यादा प्रभावी साबित हो रहा है। जहां एक ओर यह गर्मी से राहत और खेती के लिए वरदान बना है, वहीं दूसरी ओर पहाड़ी राज्यों के लिए यह चुनौती बन चुका है। आने वाले दिनों में दिल्ली-NCR समेत देश के बाकी हिस्सों में भी बारिश की संभावना है। हालांकि प्रशासन और आम जनता को सतर्क रहने की ज़रूरत है, ताकि भारी बारिश के कारण होने वाले प्राकृतिक हादसों से बचा जा सके।